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गुप्त साम्राज्य gupt samrajya ka jivan parichay

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  गुप्त साम्राज्य गुप्त काल Vkstroy.blogspot.com कुछ सालों के पश्चात एक नए वंश का उदय हुआ यह राजवंश गुप्त वंश के नाम से जाना जाता है गुप्त साम्राज्य भारत में लगभग 240 ईसापुर में शुरू हुआ जिसकी स्थापना श्री गुप्त ने कर दी थी विशाल साम्राज्य स्थापित किया था Vkstroy.blogspot.com संस्थापक।                  श्री गुप्त  Cp।                           कोसंभी up उत्तराधिकारी।              घटोचक था उपाधि उपाधि।            महाराजाधिराज  प्रथम मंदिर का।           मेरा श्रावण बिहार में हुआ श्री गुप्त का उल्लेख।     प्रभावती के पूनम अभिलेख     गुप्त साम्राज्य का संस्थापक श्री गुप्त था जिसने 240 ईसा पूर्व पर गद्दी में बैठा अपनी राजधानी कौशांबी बनाई तथा श्री गुप्ता पुत्र घटोचक था गुप्त साम्राज्य की उपाधि महाराजाधिराज थी गुप्त साम्राज्य में बना प्रथम मंदिर वृक्ष रावण बिहर में था तथा गुप् श्री गुप्त का उल्लेख प्रभावती के ताम्र अभिलेख से मिलता है गुप्त काल को गुप्त काल को कला एवं संस्कृति विज्ञान के विषय में विकास के कारण इस काल को स्वर्ण काल कहा जाता है श्री गुप्त को गुप्तों का आदि पुरुष कहा जाता है    

पुष्यमित्र शुंग Sang vansh ka pushyamitra song Maurya Uttar Kal

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मौर्य उत्तर काल ब्राह्मण साम्राज्य शुंग वंश के प्रभाव में आने वाले दोष के प्रभाव में आने वाले दोष के प्रभाव में आने वाले दोष के प्रभाव में आने वाले तत्व की कमी के प्रभाव में होने की समस्या थी। दक्षिण भारत में नियंत्रक के रूप में नियंत्रित किया जाता है। पुष्यमित्र शुंग के समय की जानकारी मिलती शुंग वंश में 9 प्रभामंडल का पता लगाया जाता है शुंग वंश सुर         पुष्यमित्र शुंग जातक। ब्राह्मण जाति भारद्वाज गड्डी। 185 ईपी सीपी। विदिशा एमपी युद्ध। इंडो गवर्नर गवर्नर को  सासन काल। 36 साल तक मुख्य श्रोत। बौद्ध धर्म कर्मी महर्षि। पतंजलि योग गुरु  भाषा। संस्कृत  पुष्यमित्र शुंग ने भारत के राज्यपाल मिनांडुर को एक युद्ध में मराठी था पुष्यमित्र शग ने महर पतंजलि मदद से दो अश्वध की खुशियों पुष्यमित्र ने 100000 बंबओं के प्रकोप को रोकने के लिए कार्य किया था। प्रभामंडल पतंजलि की मदद से प्रमाणित होने के बाद ही यैय्यैैैैैैैैैैैैैैसे से पैदा हुए दैत्यविजय शुंगया पंडित को पुन: अंतिम राजा मिलाने दो भोले को पवित्रता के साथ संरक्षित किया गया और पुष्यमित्र सिंह के पोते में रखा गया  Vkstroy.blogspot.com वंश का श

Sikander mahan hard cover सिकंदर महान Vkstroy.blogspot.com

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  सिकंदर  या  अलेक्जेंडर द ग्रेट  ( अंग्रेज़ी :  Alexander ) ( यूनानी : Αλέξανδρος ) [b]  (356 ईपू से 323 ईपू) मकदूनियाँ, (मेसेडोनिया) का  ग्रीक  प्रशासक था। वह  एलेक्ज़ेंडर तृतीय  तथा  एलेक्ज़ेंडर मेसेडोनियन  नाम से भी जाना जाता है। इतिहास में वह कुशल और यशस्वी सेनापतियों में से एक माना गया है। अपनी मृत्यु तक वह उन सभी भूमि मे से लगभग आधी भूमि जीत चुका था, जिसकी जानकारी प्राचीन ग्रीक लोगों को थी (सत्य ये है की वह पृथ्वी के मात्र 15 प्रतिशत भाग को ही जीत पाया vkstroy.blogspot.com था) [ कृपया उद्धरण जोड़ें ]  और उसके विजय रथ को रोकने में सबसे मुख्य भूमिका  भारत  के राजा पुरु (जिन्हें युनानी इतिहासकारों नें  पोरस  से सम्बोधित किया है) [4]  और भारत के क्षत्रीय खोखर राजपूतो की थी, जिन्होंने सिकंदर की सेना में अपने पराक्रम के दम पर भारत के प्रति भय पैदा कर उसके हौसले पस्त कर दिये और उसे भारत से लौटने पर मजबूर कर दिया। उसने अपने कार्यकाल में  इरान ,  सीरिया ,  मिस्र ,  मसोपोटेमिया , फिनीशिया, जुदेआ, गाझा,  बॅक्ट्रिया  और  भारत  में  पंजाब  (जिसके राजा पुरु थे) तक के प्रदेश पर विजय प्राप्त क