मौर्य उत्तर काल ब्राह्मण साम्राज्य
शुंग वंश के प्रभाव में आने वाले दोष के प्रभाव में आने वाले दोष के प्रभाव में आने वाले दोष के प्रभाव में आने वाले तत्व की कमी के प्रभाव में होने की समस्या थी। दक्षिण भारत में नियंत्रक के रूप में नियंत्रित किया जाता है।
शुंग वंश में 9 प्रभामंडल का पता लगाया जाता है
सुर पुष्यमित्र शुंग
जातक। ब्राह्मण जाति भारद्वाज
गड्डी। 185 ईपी
सीपी। विदिशा एमपी
युद्ध। इंडो गवर्नर गवर्नर को
सासन काल। 36 साल तक
मुख्य श्रोत। बौद्ध धर्म कर्मी
महर्षि। पतंजलि योग गुरु
भाषा। संस्कृत
पुष्यमित्र शुंग ने भारत के राज्यपाल मिनांडुर को एक युद्ध में मराठी था
पुष्यमित्र शग ने महर पतंजलि मदद से दो अश्वध की खुशियों
पुष्यमित्र ने 100000 बंबओं के प्रकोप को रोकने के लिए कार्य किया था। प्रभामंडल पतंजलि की मदद से प्रमाणित होने के बाद ही यैय्यैैैैैैैैैैैैैैसे से पैदा हुए दैत्यविजय शुंगया पंडित को पुन: अंतिम राजा मिलाने दो भोले को पवित्रता के साथ संरक्षित किया गया और पुष्यमित्र सिंह के पोते में रखा गया
वंश का शासन ब राजा शुंग
पुष्यमित्र शुंग 185EP से 149EP
अग्नि मित्तीर। 149अप से। 141EP
वसुमित्र 131 से। 124
बाहरी क्षेत्र 124 से। 111
देव भूति। 83ep 73ep
मौर्य उत्तर कालका संस्थापक जिसे शुंग वंश कहा जाता है पुष्यमित्र शुंग था जिसकी स्थापना 185 ईसा पूर्व में पुष्यमित्र शुंग ने की थी तथा सेकंड राजा उसका बेटा अग्नि मित्र गद्दी पर बैठता है 149 ईसापुर जिसकी मृत्यु 141 ईसापुर उसका भाई वसुमित्र कर देता है वसुमित्र गद्दी पर बैठता है 131 ईसा पूर्व जिसकी मृत्यु 124 ईसा पूर्व में अंदर सात दशक के राजा कर देते हैं फिर अंतिम राजा शुंग वंश का देव होती जो 83 सपोर्ट गद्दी पर बैठता है और इसका सेनापति वासुदेव कारण इसकी हत्या कर देता हैvkstroy.blogspot.com
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पुष्यमित्र शुंग राजा कैसे बना
पुष्यमित्र शुंग राजा होने के साथ-साथ एक हिंदू धर्म का हृदय सम्राट भी था उसने अपने धर्म अपने समय में गद्दी को कभी नहीं चाहा उसने उस समय सनातन धर्म का प्रचार प्रसार मौर्य उत्तर मौर्य काल बहुत उससे कर रहे जिस में बौद्ध धर्म का प्रचार प्रसार बहुत अधिक हो गया था इसको देखते देखते पुष्यमित्र शुंग ने देखा कि सनातन धर्म गिरता जा रहा है जबकि हिंदू धर्म कम होता जा रहा है और यह बात पुष्यमित्र शुंग को पसंद नहीं आई तथा उसने मौर्य काल का ब्रदर को मारकर पुष्यमित्र शुंग में शुंग वंश की स्थापना करते तथा बौद्ध धर्म प्रसार प्रचार को रोक दिया और हिंदू धर्म को बढ़ावा देने के लिए उसने प्रचार प्रसार करना शुरू करVkstroy.blogspot.com ब्रदर्स को मारकर पुष्यमित्र शुंग ने शुंग वंश की स्थापना कर दी इस चीज को देखते हुए उसके सैनिकों ने भी पुष्यमित्र शुंग का ही साथ दिया तथा उसने ब्राह्मणवाद को जन्म दिया और वेदों को मानने
पतंजलि के अनुसार पुष्यमित्र शुंग को भगवान कहा जाता है जिसने दो बार यस यज्ञ कराया जिसमें अश्वमेघ यज्ञ दो बार तथा
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पुष्यमित्र शुंग ने indo-greek मिनांडर को सिंधु नदी के तट पर हराकर भारत से बाहर कर दिया
पुष्यमित्र शुंग की उपलब्धियां
पुष्यमित्र शुंग ने सनातन धर्म तथा ब्राह्ममण धर्म और वेदोंोंोंोंों को माना शुरू शुरूमानाको
यह पुष्यमित्र शुंग की उपलब्धि थी कि उसने सनातन धर्म को बिछड़े हुए लोगों लोगों से जोड़ा और वापस उस धर्म को मानने केVkstroy.blogspot.com
पुष्यमित्र शग ने हमारी संस्कृति को बचाने के लिए उदार नीति अपनाई
दो बार असमय जी आपको भी पुष्यमित्र शुंग की उपलब्धियों में लिखा जाता है
पुष्यमित्र शुंग के शासनकाल की व्यवस्था
पुष्यमित्र शुंग का साम्राज्य उत्तर में हिमालय से लेकर दक्षिण में पुंज तक तथा पंजाब तक फैला हुआ था पंजाब से मगध तक फैला हुआ था
पुष्यमित्र शुंग ना केवल मौर्य काल को बचाने में सक्षम लगे बल्कि उनके द्वारा जो प्रांत अलग हो गए थे उनको एक ही करण करने में भी हो सक्षम मौर्य साम्राज्य की
मौर्य साम्राज्य की तरह ही पुष्यमित्र शुंग की राजधानी भी पाटलिपत्र थी लेकिन वह गद्दी पर विदिशा में बैठा
एमपी
पुष्यमित्र शुंग ने अपने बेटे अग्निमित्र को विदिशा का उप राजा तथा भरद्वाज को उसका राज्यपाल नियुक्त किया
1. क्या पुष्यमित्र शुंग ही राम था
?
उत्तर नहीं था ले– नहीं, पुष्यमित्र शुंग राम किन पुष्यमित्र शुग ने भगवान राम की तरह दो बार अश्वमेध यज्ञ करवाए थे।
2. पुष्यमित्र शुंग की उपलब्धियां क्या है?
उत्तर – पुष्यमित्र शुंग की उपलब्धियां की बात की जाए तो भारत में सनातन संस्कृति की स्थापना और वैदिक धर्म की स्थापना के साथ-साथ यवन आक्रमण से भारत की रक्षा करना।
3. शुंग वंश की उत्पत्ति कैसे हुई?
उत्तर- शुंग वंश की उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित प्रमाण नहीं है, लेकिन यह उज्जैन के रहने वाले थे और अंतिम मौर्य सम्राट बृहद्रथ को मारकर इस वंश की स्थापना पुष्यमित्र शुंग द्वारा की गई।
4. पुष्यमित्र शुंग के पुरोहित कौन थे?
उत्तर- पतंजलि पुष्यमित्र के पुरोहित थे।
5. पुष्यमित्र शुंग राजा कैसे बना?
उत्तर – मौर्य साम्राज्य के अंतिम सम्राट बृहद्रथ की हत्या कर, उनका सेनापति पुष्यमित्र शुंग राजा बन गया।
6. पुष्यमित्र शुंग की जाति क्या थी?
उत्तर – पुष्यमित्र शुंग की जाति ब्राह्मण थी, वह भारद्वाज गोत्र के थे।
7. पुष्यमित्र का उत्तराधिकारी कौन था?
उत्तर – पुष्यमित्र शुंग का पुत्र अग्नि मित्र पुष्यमित्र का उत्तराधिकारी था।
8. शुंग वंश की राजधानी कहां थी?
उत्तर- शुंग वंश की राजधानी पाटलिपुत्र थी।
9. शुंग वंश की स्थापना कब हुई?
उत्तर- शुंग वंश की स्थापना 186 ईसा पूर्व में हुई थी।
10. पुष्यमित्र शुंग के कितने पुत्र थे?
उत्तर- पुष्यमित्र शुंग के 2 पुत्र अग्निमित्र और वसुमित्र थे।
11. शुंग वंश के बाद कौन सा वंश आया?
उत्तर – शुंग वंश के बाद कण्व वंश की स्थापना हुई थी।
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pusiymitra sung
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