महात्मा गांधी का जीवन परिचय 2020 हिंदी। महात्मा गांधी के मुख्य आंदोलन Mahatma Gandhi ko rashtriy pita kyon kaha jata hai

 महात्मा गांधी का जीवन परिचय

महात्मा गांधी का नाम मोहनदास करमचंद गांधी था उनका जन्म 2 अक्टूबर  1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था उनके पिता का नाम करमचंद गांधी था जो ब्रिटिश राज के समय काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत के दीवान थे महात्मा गांधी का विवाह महा 13 वर्ष की आयु में कस्तूरबा गांधी नामक स्त्री से महुआ

महात्मा गांधी का फोटो

अगर हम  गांधी युग कीीी बात करें तो करें तो महात्मा गांधी दक्षििण अफ्रीका की राजधानी प्रिटोरिििय से 9 जनवरी 1915 कोोो भारत  जिसके आने की खुुशी में भारत आने की खुशीी में उस दिन को प्रवासी दिवस के रुप में मनातेेे हैं 9 जनवरी को


होम रूललीग

होमरूल लीग की स्थापना सन 28 अप्रैल 1916 में संस्थापक श्रीमती एनी बेसेंट मद्रास में और उनके सहायक थे बाल गंगाधर तिलक हम लोग की पहली वर्षगांठ 28 अप्रैल 1917 को मनाई गई महाराष्ट्र के नासिक में नोट करके लिखेंगे गांधी जी ने लोगों को पुलिस में भर्ती होने के लिए प्रयोग किया और इसीलिए लोगों ने इन्हें भारतीय कर भर्ती कराने वाला सर्जन डाबला 1916 में अहमदाबाद में साबरमती आश्रम की स्थापना की

चंपारण आंदोलन 1917

श्यामपुरा आंदोलन की शुरुआत सन 1917 में बिहार के चंपारण नामक स्थान पर हुई जहां नील की खेती के लिए राजकुमार शुक्ला गांधी जी को चरण लाया तीन घटिया बीघा के ऊपर यह प्रचलित है

जल रॉलेक्ट एक्ट

रोलेक्स एक्शन 1919 में जलियांवाला हत्याकांड को रोकने के लिए लाया गया जिसके अध्यक्ष न्यायाधीश सिडनी रॉलेक्ट थे अपने आप काला कानून काला अधिनियम अटक बाद अपराध अधिनियम बिना तेल बिना दलील बिना दलील अधिनियम कहा जाता है यह 8 मार्च 1919 को लागू कर दिया गया 13 अप्रैल 1919 में अमृतसर में जलियांवाला बाग में डॉक्टर सतपाल छतरपुर तीन किचलू की गिरफ्तारी के विरोध में जिसमें 1000 लोग मारे गए 369 घायल हुए और माइकल ओ डायर के आदेश पर गोलियां चलाई जलियांवाला बाग हत्याकांड में हंसराज नामक भारतीय जनरल ओ डायर डायर का सहयोग दिया जलियांवाला हत्याकांड में बैसाखी त्योहार के दिन हुआ जनरल ओ डायर ने 13 अप्रैल 1919 को किया पंजाब के दो लोकप्रिय नेता डॉक्टर सतपाल गिरफ्तार हुए रौलट एक्ट के विरोध में बैसाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में सभा का आयोजन हो रहा था इस हत्याकांड में हंसराज नामक भारतीय ने जनरल डायर की सहायता की गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर ने इस सेवा से नाराज होकर अपनी सर की उपाधि वापसी


महात्मा गांधी का जीवन परिचय 2022Education
mahatma gandhi, mahatma gandhi 2021, mahatma gandhi ka jivan parichay, mahatma gandhi ka jivan parichay in hindi, mahatma gandhi jeevan parichay in hindi, mahatma gandhi jeevan parichay, महात्मा गांधी का जीवन परिचय, mahatma gandhi death date,
महात्मा गांधी का जीवन परिचय
मुख्य बातें
  • महात्मा गांधी के सिद्धांत आज के युग में भी हैं काफी प्रासंगिक।
  • महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के नाम से भी किया जाता है संबोधित।
  • देश के हालात को समझने के लिए गांधी जी ने किया था भारत भ्रमण।

महात्मा गांधी का जीवन परिचय : महात्मा गांधी भारतीय इतिहास के एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने देशहित के लिए अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ी। वह आजादी के आंदोलन के एक ऐसे नेता थे जिन्होंने अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेजी शासकों के नाक में दम कर दिया था। महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के नाम से भी संबोधित किया जाता है। उनकी सत्य और अहिंसा की विचारधारा से मार्टिन लूथर किंग और नेलसन मंडेला भी काफी प्रभावित थे। महात्मा गांधी ने अफ्रीका में भी लगातार 21 वर्षों तक अन्याय और नस्लीभेद के खिलाफ अहिंसक रूप से संघर्ष किया, जो अंग्रेजों को अफ्रीका में ही नहीं बल्कि भारत में भी महंगा पड़ा।

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद्र गांधी था, जो ब्रिटिश राज के समय काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत के दीवान थे। महात्मा गांधी का विवाह महज 13 साल की उम्र में कस्तूरबा गांधी के साथ हो गया था। विवाह के दो साल बाद गांधी जी के पिता का निधन हो गया और पिता की मृत्यु के ठीक एक साल बाद उनकी पहली संतान हुई, लेकिन दुर्भाग्यवश जन्म के कुछ समय बाद ही उसकी मृत्यु हो गई।

हालांकि इन कठिन परिस्थितियों में भी गांधी जी ने हार नहीं मानी और 1887 में अहमदाबाद से हाई स्कूल की डिग्री प्राप्त की। तथा कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1888 में उन्होंने लंदन जाकर वकालत की पढ़ाई करने का निश्चय किया।

इस घटना ने गांधी जी को किया था प्रभावित

1891 में वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद गांधी जी भारत वापस लौटे, लेकिन नौकरी के सिलसिले में उन्हें वापस दक्षिण अफ्रीका जाना पड़ा। 23 साल की उम्र में वह दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे और एक सप्ताह बाद डरबन से प्रोटीरिया की यात्रा करते समय उन्हें धक्के मारकर व पीटकर ट्रेन से फेंक दिया गया। जबकि उनके पास फर्स्ट क्लास का टिकट था, यह नस्लीय भेद का कारण था। किसी भी भारतीय या अश्वेत का प्रथम श्रेणी में यात्रा करना प्रतिबंधित था। इस घटना ने गांधी जी को बुरी तरह आहत किया, जो अंग्रजो की अफ्रीका में ही नहीं भारत में भी महंगा पड़ा।

Advertising
Advertising

स्वतंत्रता संग्राम में गांधी जी का योगदान

1915 में गांधी जी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे और अपने गुरु गोपालकृष्ण गोखले के साथ इंडियन नेशनल कांग्रेस में शामिल हुए। इस दौरान भारत गुलामी की जंजीरों से जकड़ा हुआ था और किसी एक ऐसे व्यक्ति की आवश्यकता थी जो स्वतंत्रता आंदोलन को एक नई दिशा दे सके। गोपालकृष्ण गोखले ने उन्हें देश की नब्ज को समझने का सुझाव दिया। गांधी जी ने देश के हालात को समझने के लिए भारत भ्रमण की योजना बनाई, जिससे देश की नब्ज को जान सकें और लोगों से जुड़ सकें। उन्होंने असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन का भी नेतृत्व किया था। देश की स्वतंत्रता में गांधी जी के योगदान को शब्दों में नहीं मापा जा सकता। उन्होंने अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के साथ मिलकर अंग्रेजो को भारत छोड़ने के लिए मजबूर किया था।

Loading ...


Comments

  1. History politics

    ReplyDelete
  2. ha go history notes

    ReplyDelete
  3. Mahatma Gandhi kon tha

    ReplyDelete
  4. Mahatma Gandhi ko kis ne mara tha

    ReplyDelete
  5. Tell me about your life Mahatma Gandhi

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

गुप्त साम्राज्य gupt samrajya ka jivan parichay

Narendra modi ki biography

Twitter ne CEO Kaun banega