उत्तर बरत्ती मुगल काल aadhunik Bharat ke Uttar Bharti mugal Kal

 आधुनिक भारत के उत्तर भर्ती मुगल काल
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आधुनिक भारत के उत्तर प्रति मुगल काल 3 मार्च 17 साथ में औरंगजेब की मृत्यु के बाद पुत्र मोजम उत्तराधिकार के युद्ध में गुरु गोविंद सिंह ने बहादुरशाह का साथ दिया

बहादुर शाह 1707-1712

उप नाम।     मोज्जम/सहबेखाबर

मुगल काल।  सवृद्ध शासन

गद्दी बेटा।   67 बर्ष
राजिक्याभसेक। लाहौर में शहडोल नामक स्थान पर
धर्म का अनुनय शिया धर्म का अनुयाईVkstry.blogspot.com

बहादुर शाह के दो अभियान थे नंबर एक पर जिजाऊ और दूसरे नंबर पर हैदराबाद जी जाओ अब ध्यान में 18 जून 1708 को समुंदर खंड के समीप जाओ जाओ नामक स्थान पर लड़ा गाए इस अभियान में अपने बड़े भाई आजम को इस युद्ध में हराया तथा आजम के 2 पुत्र बादल वक्त और बाल जहां को मार दिया था इसमें सेकंड हैदराबाद 23 13 जून 17 से 9 को दूसरे भाई को काम बख्श को हरा दिया था हैदराबाद के युद्ध में

बहादुर शाह गद्दी पर बैठने से पहले वृक्षा सकता उस समय उसकी उम्र 63 वर्ष 112 दिन थी

26 फरवरी 17 12 बहादुर शाह की मृत्यु हो गई

बहादुर शाह के काल में मुगलों से संतान होने के बाद स्वतंत्र राज्यों की स्थापना होनी शुरू हुईVkstry.blogspot.com

  1. अवध अवध।   शहादत खान 
  2. हैदराबाद।       Nizam ul mulk increase Khan
  3. रोहिलखं।      अली मोहम्मद का पेड़ दाऊ
  4. बंगाल।         मुशाहिद कुली खान
  5. कर्नाटक      साधु उल्ला खान
  6. भरतपुर।    बुरा मान एवं वंदन सिंह

साउथ खान की उपाधि बोरान उल मुल्क असली नाम मीर मोहम्मद आमीन 

जहादर सहा 1712-1713Vkstry.blogspot.com

उपनाम लंपट मूर्ख उपनाम लंपट मूर्ख किसका पुत्र था फारुख शेयर यह बहादुर शाह का सबसे छोटा पुत्र था गद्दी बैठे 51 वर्ष की अवस्था में इसका प्रधानमंत्री जुल्फिकार से या वजीर था इसका वकील असद सा राज्य अभिषेक 29 मई 1712 में उपनाम लंपट मूर्ख पुत्र फारूक शहजादा सा एक योग्य शासक था इसने अपने शासन में लाल कुमारी एक वेश्या के साथ हस्तक्षेप करने का अधिकार अधिकार करा थ

फर्रूखसियर 1713-1719Vkstry.blogspot.com

कितने स्क्वायर कायर इसका पीएम अब्दुल्ला का राज्य अभिषेक 11 जून 1713 हुसैन मीर बख्शी सेना की देखरेख के लिए रहते थे इसके काल में अंग्रेजी शासन बंदा बहादुर को 1716 में फांसी दी गई थी मैग्नाकार्टा चीफ जॉन मार्शल ब्रिटिश शासक के काल में लेकर आए थे यह अधिकार पत्रों तथा इसमें भारत में अंग्रेजों को दोबारा आया गया था 17 अप्रैल 1719 को सैयद बंधुओं ने फारुख शेख की गला घोट कर हत्या कर दी हत्या कर द परीक्षा के शासक था दो सैयद बंधु उन भाइयों ने अब्दुल्ला का और हुसैन खान दोनों भाई थे उन्होंने अपना साम्राज्य अलग बनाने की सूची सैयद उन्होंने हत्या करने के बाद सैयद वंश के दो राजाओं का उदय

रफीक रजा रजा 1719Vkstry.blogspot.com

28 फरवरी से 4 जून तक इसकी मृत्यु टीवी नामक बीमारी से हो गई

रफी उद ढोला

यह 6 जून 17 सितंबर तक शासनकाल किया शासक निर्माता के रूप में शासन काल के इस की उपाधि शाहजहां साहनी शाहजहां द्वतीय इसकी मृत्यु हैजा नामक बीमारी से हो गई हैदर नामों की

Mohammed shah 1719to1848

इसे रंगीला बादशाह इसका मूल नाम रोशन अख्तर उपनाम रंगीला बादशाह तथा मयूर सिंहासन पर बैठने वाला अंतिम मुगल बादशाह मोहम्मद सा था इसने करनाल का युद्ध 24 फरवरी 1739 को चल 3 घंटे चला जिसमें नादिरशा और मोहम्मद शाह के बीच हुआ इस युद्ध में नादिर शाह की जीत हुई मोहम्मद शाह की हार

करनाल का युद्ध 24 फरवरी 1739 कोकरनाल का युद्ध 24 फरवरी 1739 को

करनाल का युद्ध 24 फरवरी 1939 को चलाना दिशा और मोहम्मद शाह के बीच में जिसमें ना रिक्शा विजय हुआ ना दिल से विजय होने के बाद मुगल साम्राज्य का मयूर सिंहासन तथा एक कोहिनूर हीरा भारत से ईरान ले गया था

रंगीला बादशाह अयोग्य शासक था जिसका अधिकतर समय पशुओं की लड़ाई देखना तथा शराब में वेश्याओं के संग

भारत का कोहिनूर हीरा ले गया था नादिरशाह 1739 में

मोहम्मद शाह के दरबार में अलगाव नवाबों का उदय हुआ रोहिल्ला का उदय हुआ भारत का कोहिनूर नादिरशा ले गया फारस का राजा था 1739 में दिल्ली पर आक्रमण मोहम्मद साहब की काल में क्याVkstry.blogspot.com

नादिर शह जब दिल्ली पर आक्रमण किया तो वह दिल्ली में 17 दिन तक रुका और मोहम्मद शाह से 2000000 रुपए मांगे लेकिन मोहम्मद शाह 2000000 रुपए ना देने के कारण नादिर शाह ने फिर दिल्ली में कत्लेआम शुरू कर दिया और इस कत्लेआम की वजह से 10000 से लोग ज्यादा लोगों की जान गई इस वजह से मोहम्मद शाह की काल में चार अलग प्रांत स्वतंत्र हुए

चारों प्रांतों ने अपने आप को मुगल से अलग कर लिया रोहिल्ला गंगा-यमुना के दोआब से रोहिल्ला तक अपनी अलग स्थापित की इसके बाद बहुत सारे मुगल बादशाह बजे जैसे अहमद शाह आलमगीर शाह आलम अकबर द्वितीय और बहादुर शाह

अहमद शाह1748 से 1754तकअहमद शाह1748 से 1754तक

इसका जन्म एक नर्तकी से गोडसे हुआ था पता 2 वर्ष के बच्चे का पुत्र थ

आलमगीर द्वितीय 1754 से 1758 तक

इसके काल में प्लासी के युद्ध के समय राजा था यह प्लासी के युद्ध हुआ था प्लासी का युद्ध अवध के नवाब साथ दूधोला तथा अंग्रेजी गवर्नर लाडला के बीच लड़ा गया था लॉर्ड क्लाइव विजय हुआ था और अंग्रेजी सत्ता की नीव रखी गई थी

शाह आलम द्वितीय 1759 से 1806 शाह आलम द्वितीय 1759 से 1806 तक

आलमगीर के साथ बिहार का राजा था आलमगीर की मृत्यु के बाद दिल्ली का राजा शाहजहां तृतीय बना था इसके काल में बक्सर का युद्ध 1764 पर हुआ

इसके काल में पानीपत का तृतीय युद्ध 1761 में अहमदशाह अब्दाली तथा मराठा के बीच हुआ जिसमें मराठा उसकी हार हुई थी एवं सदस्य तथा अंग्रो से इलाहाबाद की संधि हुई थी इसके बाद

आलमगीर को अंधा बना दिया गया था यह अंदर शासक कहा जाता था 1803 में लाड़ले का अधिकार बेटे अंग्रेज के संरक्षक में रहती थी

अट्ठारह सौ छह से 28 से 30 तक राजा राममोहन राय को ब्रिटेन भेजा अकबर द्वितीय ने और उपाधि राजा की उपाधि दे दी

बहादुर शाह बहादुर शाह द्वितीय 1837 से 1857 तक


बाल साहित्य का उपनाम बहादुर शाह जफर था यह अंग्रेजों से हारा था तथा इसे बंदी बनाकर रंगून नया माल भेज दिया गया थ



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