Mahatma Gautam buddh ka shasankaal vk 123

महात्मा बुद्ध का जन्म

सन 563 EP नेपाल के लुंबिनी में हुआ था इनके पिता का नाम शुद्धोधन जो शाक्य पुल के एक मुख्य थे उनकी माता का नाम महामाया जो उनके जन्म के 7 दिन बाद ही उनकी मृत्यु हो उनका लालन-पालन इनकी मौसी प्रजापति ने किया गौतम बुध का नाम सिद्धार्थ था इनका बुbha 16 वर्ष में यशोधरा नामक राजकुमारी से हो गया तथा इनको एक 28 वर्ष की अवस्था में पुत्र राहुल की प्राप्ति हुई




 जन्म।              563 EP  नेपाल
पिता।                      लुंबिनी          शुद्धोधन शाफिकुल के मुखिया
माता                            महामाया जो जन्म 7 दिन मृत्यु 
सौतेली मा।                    प्रजापति को गौतमी पालन पोषण
उपनाम बचपन का नाम।    सिद्धार्थ
विवाह।                     16 वर्ष में यशोधरा नामक राजकुमारी
पुत्र पुत्र।                    राहुल 28 वर्ष की अवस्था
महात्मा गौतम बुद्ध का मंदिर

क्यू


महात्मा बुद्ध के जन्म की प्रमुख घटनाएं एवंं प्रतीक

घटनाएं।                            प्रतीक

  1. गर्व।                              हाथी हाथी

  1. जन्म।                           कमल

  1. योवन।                          सांड
  2. महाअभीनिष्क्रमण।         घोड़ा घोड़ा
  3. ज्ञान प्राप्ति।                   पीपल वृक्ष बौद्धगया
  4. संवृद्धि                          शेर विकास
  5. धर्म चक्र परिवर्तन।          चक्र से और उपदेश से
  6. निर्माण की प्राप्ति।          पाद या ची
महापरिनिर्वाण।             स्तूप से

कपिलवस्तु की सैर पर

  • घोड़ा आलम चन्ना और गौतम सिद्धार्थ

जब महात्मा बुध कपिलवस्तु की सैर पर निकले तो उन्होंने चारदिराश्यसे देखें उनके साथ एक घोड़ा आलम चन्ना और सिद्धार्थ 

  1. बूढ़ा व्यक्ति
  2. एक बीमार व्यक्ति
  3. मृत्यु का Sab 
  4. एक सन्यासी एक सन्यासी
महात्माा बुद्ध ने जब कपिलवस्तु की सैर पर निकले तो महात्मा बुद्ध्ध  अपने सारथी आलम चलने वह अपने घोड़ााााा चेतक के साथ निकले निकले सबसे पहलेेे उन्हों एक बूढ़ा व्यक्ति तथा  फिर एक बीमार व्यक्ति तथा एक मिर्ची का शव एक सन्यासी देखा महात्मा बुद्ध ने उन सभी चारोंोंोंों दृश्य को देखतखतेको देेखा कि एक सन्यासी अपनीी तपस्या तपस्या में लीन है फिर उनकेेेे मन मेंन गृह त्याग करने की विचार है

गृह त्याग की घटना।     महाभिनिष्क्रमण

महात्मा बुध सत्य की खोज के लिए निकले 29 वर्ष की अवस्था में वैशाख पूर्णिमा रात को इन समस्याओं से व्यतीत हो कर गृह त्याग किया जिसे बौद्ध धर्म में महाभिनिष्क्रमण कहा गया

प्रथम बार सर का मुंडन।  अमोना नदी पर कराया वहां से उन्होंने का सेवक या सन्यासी वस्त्र धारण की
Mahatma buddh ke pratham guru अलार्म कलाम थे जिन्होंन उन्होंने सांख्य दर्शन की शिक्षा ली

सेकंड गुरु राजगीर के रूद्र रामपुर से शिक्षा ली

ज्ञान प्राप्ति

महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति 35 वर्ष गहन तपस्या बिना आन बिना जल ग्रहण किए 6 वर्ष की कठिन तपस्या के बाद वैशाख पूर्णिमा की रात निरंजन फल्गु या पुनपुन नदी के किनारे पीपल वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई

ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ

ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ गौतम बुद्ध के नाम से तथा तथागत के नाम से जाने गए वह स्थान बौद्ध गायक कहलाता है इस घटना को बौद्ध धर्म में धर्म चक्र परिवर्तन कहलाया महात्मा बुद्ध ने प्रथम उपदेश प्राकृत भाषा में सारनाथ के ऋषभ पंत ने दिया

प्रथम उपदेश भाषा

प्रथम उपदेश की भाषा पाली सारनाथ के रिसेप्शन में 5 साधकों को दिया जिसे बौद्ध धर्म में धर्म चक्र परिवर्तन कहलाया
सर्वाधिक उपदेश महात्मा बुद्ध ने कौशल यूपी श्री बस्ती में दिए 5 साधकों के नाम

पांच साधक

  1. कौंडिण्य
  2. बप्पा बप्पा
  3. भाग्य भाग्य
  4. सां सांगी 
  5. महा नामा
इन 5 साधकों ने महात्माााा बुद्ध कोको 5 साधकों ने महात्मा गुरु को अपना गुुरु माना बौद्धध धर्म लेनी चाहिए
नोट 
फोन 5 साधकों ने महात्मा बुद्ध को एक सुजाता नामक प्रजापति के हाथों से खीर खाते हुए देखा तो वह महात्मा बुद्ध को पांचों सादा छोड़ कर चले गए बोला यह तो ढोंगी है यह हमको क्या शिक्षा देग

महात्मा बुध का अंतिम उपदेश

Kushinara ke parivachak ko subhadra sabse ashikshit log Hain vahan ki Mahatma buddh ki mrutyu 80 varsh ki avastha mein 400 83उ EPनाEP देवरिया यूपी में हेमावती हीरावती नदी नदी के तट पर हुई

बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्र

  1. अंग अंग
  2. मगध मगध
  3. चंपा
  4. बस
  5. शाक्य
  6. मल
  7. बज्जी
  8. काशी
यह बौद्ध धर्म के प्रमुख प्रचार केंद्र थे

बौद्ध धर्म की बात सब आएं

  सभा। Baras  स्थान       अध्यक्ष           शासन काल
  1. 483EP।    राजगिरे।    महा कश्यप।    अजातशत्रु
  2. 383EP।   वैशाली। Savan ki। कॉल अशोक शिशुनाग वंश
  3. 255EP। पाटिल पुत्र  मोगली पुत्र  अशोक सम्राट
  4. 1EP।    कश्मीर कुंडल वन अश्वघोष  कनिष्क 

चौथी बौद्ध संगीति के दौरान बौद्ध धर्म तो शाखाओं में बैठ गया था हीनयान और महायान हीनयान अरिहंत पद जो व्यक्ति अपनी साधना उसे निर्माण की प्राप्ति करता है वह आयत कहलाता है कथावस्तु जीवन चरित्र महायान जो व्यक्ति दूसरों के कल्याण को अपने निर्माण में विलंब करता है वह महायान कहलाता है इसका अगेन है बे मूल्य से इसे मानने वाला राजा था अशोक इसका ग्रंथ है विवो दरभंगा गौतम बुध के प्रधान प्रथम शिष्य रुपाली और आनंद थे बुध की मृत्यु के बाद उन्होंने सारनाथ में संघ की स्थापना की जिसमें कुल 16 संस्कार 

 संघ


 इस संघ में कुल 16 संस्कार होते थे जब आयु 15 वर्ष होती थी इस संघ में दाखिल हो तो था जब बच्चा जाता था उसे उप सदा संस्कार कहते थे 5 वर्ष का होता था गुरु के समीप बैठकर शिक्षा लेता था जब पढ़ाई पूरी होती थी उस पर बच्चा कहा जाता था 

नोट पहले संग में महिलाओं के आने की अनुमति नहीं दी बाद में होगी

प्रथम महिला प्रजापति कौन थी संघ में प्रवेश ली वैशाली प्रथम बौद्ध भिक्षु नीति संघ में प्रवेश के नियम प्रभात झा कहते थे 15 वर्षों की आयु पूर्ण होने पर माता-पिता की अनुमति अनिवार्य थी सॉरी अपराध शरीर विकलांग और व्यक्ति तथा सैनिकों को संघ में प्रवेश नहीं दिया जाता अनुयायियों को दो भागों में बांटा गया नंबर एक बात आप सदा संघ की सदस्यता ग्रहण करने वाला शुक्राचार्य का पालन करने वाला उपासक ग्रस्त जीवन व्यतीत करने वाला

बौद्ध धर्म के विविध जानकारी तीन ग्रंथों से मिलती है

  1. विनय पिटक। रूपाली ने प्रथम बौद्ध समिति के दौरान इसमें बौद्ध संघ के आचार विचार का वर्णन किया

  1. उक्त प्रथम बौद्ध समिति के दौरान उद्देश्य को का  बैठक आनंदसंकलन है

    अभी धाम पिक अप।  मोगली पुत्र 30 तीसरी बौद्ध संगीति के दौरान हुई थी

    अन्य साहित्य

    1. मिलिंदपन्हो     मिबैजनाथ सेन के मध्य वार्तालाप
    1.  दीप वंश महावर    सिं  देवसत्य श्रीलंका को भा जाता है
    1.  अट्टू कथा 3   फी  को पारभासी है
    1. बे मूल्य सू।     महायान






     

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