Mahatma Gautam buddh ka shasankaal vk 123
महात्मा बुद्ध का जन्म
महात्मा बुद्ध के जन्म की प्रमुख घटनाएं एवंं प्रतीक
घटनाएं। प्रतीक
- गर्व। हाथी हाथी
- जन्म। कमल
- योवन। सांड
- महाअभीनिष्क्रमण। घोड़ा घोड़ा
- ज्ञान प्राप्ति। पीपल वृक्ष बौद्धगया
- संवृद्धि शेर विकास
- धर्म चक्र परिवर्तन। चक्र से और उपदेश से
- निर्माण की प्राप्ति। पाद या ची
कपिलवस्तु की सैर पर
- घोड़ा आलम चन्ना और गौतम सिद्धार्थ
जब महात्मा बुध कपिलवस्तु की सैर पर निकले तो उन्होंने चारदिराश्यसे देखें उनके साथ एक घोड़ा आलम चन्ना और सिद्धार्थ
- बूढ़ा व्यक्ति
- एक बीमार व्यक्ति
- मृत्यु का Sab
- एक सन्यासी एक सन्यासी
गृह त्याग की घटना। महाभिनिष्क्रमण
महात्मा बुध सत्य की खोज के लिए निकले 29 वर्ष की अवस्था में वैशाख पूर्णिमा रात को इन समस्याओं से व्यतीत हो कर गृह त्याग किया जिसे बौद्ध धर्म में महाभिनिष्क्रमण कहा गया
ज्ञान प्राप्ति
ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ
प्रथम उपदेश भाषा
पांच साधक
- कौंडिण्य
- बप्पा बप्पा
- भाग्य भाग्य
- सां सांगी
- महा नामा
महात्मा बुध का अंतिम उपदेश
बौद्ध धर्म के प्रमुख केंद्र
- अंग अंग
- मगध मगध
- चंपा
- बस
- शाक्य
- मल
- बज्जी
- काशी
बौद्ध धर्म की बात सब आएं
- 483EP। राजगिरे। महा कश्यप। अजातशत्रु
- 383EP। वैशाली। Savan ki। कॉल अशोक शिशुनाग वंश
- 255EP। पाटिल पुत्र मोगली पुत्र अशोक सम्राट
- 1EP। कश्मीर कुंडल वन अश्वघोष कनिष्क
चौथी बौद्ध संगीति के दौरान बौद्ध धर्म तो शाखाओं में बैठ गया था हीनयान और महायान हीनयान अरिहंत पद जो व्यक्ति अपनी साधना उसे निर्माण की प्राप्ति करता है वह आयत कहलाता है कथावस्तु जीवन चरित्र महायान जो व्यक्ति दूसरों के कल्याण को अपने निर्माण में विलंब करता है वह महायान कहलाता है इसका अगेन है बे मूल्य से इसे मानने वाला राजा था अशोक इसका ग्रंथ है विवो दरभंगा गौतम बुध के प्रधान प्रथम शिष्य रुपाली और आनंद थे बुध की मृत्यु के बाद उन्होंने सारनाथ में संघ की स्थापना की जिसमें कुल 16 संस्कार
संघ
इस संघ में कुल 16 संस्कार होते थे जब आयु 15 वर्ष होती थी इस संघ में दाखिल हो तो था जब बच्चा जाता था उसे उप सदा संस्कार कहते थे 5 वर्ष का होता था गुरु के समीप बैठकर शिक्षा लेता था जब पढ़ाई पूरी होती थी उस पर बच्चा कहा जाता था
नोट पहले संग में महिलाओं के आने की अनुमति नहीं दी बाद में होगी
प्रथम महिला प्रजापति कौन थी संघ में प्रवेश ली वैशाली प्रथम बौद्ध भिक्षु नीति संघ में प्रवेश के नियम प्रभात झा कहते थे 15 वर्षों की आयु पूर्ण होने पर माता-पिता की अनुमति अनिवार्य थी सॉरी अपराध शरीर विकलांग और व्यक्ति तथा सैनिकों को संघ में प्रवेश नहीं दिया जाता अनुयायियों को दो भागों में बांटा गया नंबर एक बात आप सदा संघ की सदस्यता ग्रहण करने वाला शुक्राचार्य का पालन करने वाला उपासक ग्रस्त जीवन व्यतीत करने वाला
बौद्ध धर्म के विविध जानकारी तीन ग्रंथों से मिलती है
- विनय पिटक। रूपाली ने प्रथम बौद्ध समिति के दौरान इसमें बौद्ध संघ के आचार विचार का वर्णन किया
- उक्त प्रथम बौद्ध समिति के दौरान उद्देश्य को का बैठक आनंदसंकलन है
अभी धाम पिक अप। मोगली पुत्र 30 तीसरी बौद्ध संगीति के दौरान हुई थी
- मिलिंदपन्हो मिबैजनाथ सेन के मध्य वार्तालाप
- दीप वंश महावर सिं देवसत्य श्रीलंका को भा जाता है
- अट्टू कथा 3 फी को पारभासी है
- बे मूल्य सू। महायान

gk best
ReplyDeleteHistory gs
ReplyDeleteSir good jov
ReplyDeletegk gs
ReplyDeleteNote pirovaid Kara do
ReplyDeleteGk notes
ReplyDeleteGood sir
ReplyDeleteHallo
ReplyDeleteOr kya hal h
ReplyDeleteYar mere bye blog bna do
ReplyDeleteHistory not s
ReplyDeleteGk gs history
ReplyDeleteGs
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